१. उत्साह आदमी की भाग्य शीलता का पैमाना है |
२. भाग्य साहसी मनुष्य की सहायता करता है।
३. मृत अतीत को दफना दो, अनंत भविष्य तुम्हारे सामने है और स्मरण रखो कि प्रत्येक शब्द, विचार और कर्म तुम्हारे भाग्य का निर्माण करता है।
४. सौभाग्य दरवाजा खटखटाता है और पूछता है।
५. भाग्य चक्र लगातार घूमा करता है, कौन कह सकता है कि आज मैं उच्च शिखर पर पहुंच जाऊंगा ।
६. बुरे से बुरे के लिए तैयार रहो, सर्वोत्तम कि आशा करो और जो आ जाए उसको स्वीकार करो, यही भाग्यवाद हैं।
७. भाग्य हम को दो तरह से रौंदता है हमारी इच्छाओं को स्वीकार करके तथा उन्हें पूरा करके।
८. विचार दर्शन के लिए नेतृत्व करते हैं। आगे बढ़ते हुए, काम बनाया जाता है, काम आदतों को बनाता है, आदतें लक्ष्य या जीवन के चरित्र बनाती हैं, और चरित्र हमारी नियति स्थापित करता है।
९. भाग्य की लकीरों पर भरोसा करना छोड़ दिया है, इस दुनियां में लोग ही बदल जाते है फिर भाग्य क्या हैं।
१०. आपकी आज की मेहनत ही कल का भाग्य हैं।
११. थोड़ा अधिक दृढ़ निश्चय थोड़ा अधिक साहस, थोड़ा अधिक कार्य बस यही सौभाग्य हैं।
१२. आपके भाग्य की चाबी आपके पास ही हैं।
१३. प्रत्येक व्यक्ति का भाग्य एक बार अवश्य उदय होता है। यह बात अलग है कि वह उसका कितना लाभ उठाता है।
१५. अपने पुरुषार्थ से अर्जित ऐश्वर्य का ही दूसरा नाम सौभाग्य है।
१६. दुनिया में कोई काम असंभव नहीं,
बस हौसला और मेहनत की जरुरत है ।
१७. पसीने की स्याही से जो लिखते हैं अपने इरादों को,
उनके किस्मत के पन्ने कभी कोरे नहीं हुआ करते ।
१८. जीत निश्चित होने पर तो कमजोर लोग भी लडने के लिए आतुर हो जाते है। सच्चा योद्धा तो वही होता है जो हार निश्चित होने पर भी मैदान नहीं छोड़ते।
१९. ये जरूरी तो नहीं कि इंसान हर रोज मंदिर जाए, बल्कि कर्म ऐसे होने चाहिए कि इंसान जहां भी जाए,मंदिर वहीं बन जाए।
२०. क्या मिलना है ये कर्म की बात है,
क्या लेना है ये धर्म की बात है।
२१. भगवान से ज्यादा कर्मों से डरिए,
एक बार भगवान तो क्षमा कर सकता है,लेकिन कर्म नहीं।
२२. इंसान भाग्यशाली नहीं होता कभी भी जन्म से,
उसका भाग्य बनता है कर्म से।
२३. तुम जो भी कर्म प्रेम और सेवा की भावना से करते हो,
वह तुम्हें परमात्मा की ओर ले जाता है। जिस कर्म में घृणा छिपी होती है,वह परमात्मा से दूर ले जाता है।
२४. जीवन मिलना यह भाग्य पर निर्भर है,
मृत्यु होना समय पर निर्भर है,
किन्तु मृत्यु के बाद भी लोगो के दिलो में रहना,अपने कर्मो पर निर्भर है।
२५. अपना समय यह सोच कर बर्बाद ना करो,
की दुसरो ने तुम्हारे साथ क्या किया,
तुम्हारी जगह कर्मो को उनका जवाब देने दो।
२६. अच्छी सोच रखोगे तो सब अच्छा होगा,
अगर बुरी सोच रखोगे तो सब बुरा ही होगा,
इसलिए सकारात्मक रहिए,यही कर्म है।
२७. किसी ने परेशान किया है तो,उस पर ध्यान मत दो,
जितना आप उसके बारे में सोचोगे तो दर्द उतना ज्यादा होगा।
अगर आप उस पर ध्यान केंद्रित न देकर उससे कुछ सीखते हैं तो
आपके जीवन में सफलता हासिल होगी
२८. हर किसी को आजादी है,
अपनी जिंदगी अपनी मर्जी से जीने का,
पर आजादी में अपने कर्म को मत भूलना।
याद रखना एक गलत काम,आप की आजादी छीन सकता है।
२९. अगर आप जरूरतमंद लोगों की मदद करते हैं,
तो भगवान भी आपकी मदद करता है।
३०. अगर आप जरूरतमंद लोगों की मदद करते हैं,
तो भगवान भी आपकी मदद करता है।
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