१. संगति को चरित्र से जोड़ा जाता है क्योंकि किसी भी व्यक्ति का चरित्र इतना सबल नहीं होता की वह आस-पास की स्थितियों से प्रभावित रहे।
२. चरित्र बगैर सफलता के भी रह सकता है।
३. चरित्रवान बनो, संसार स्वयं तुम पर मुग्ध होगा। फूल खिलने दोगे तो मधुमक्खियां स्वतः ही चली आएगी।
४. जिस मानव को अपने ऊपर काबू नहीं है और दुर्बल चरित्र वाला है, वह उस सरकंडे के समान है जो वायु के झोंको पर झुक जाता है।
५. मनुष्य का चरित्र वह वस्त्र है जो विचारो के धागों से बनता है।
६. चरित्र निर्माण के तीन आधार स्तम्भ है, अधिक निरीक्षण करना, अधिक अनुभव करना एवं अधिक अध्ययन करना।
७. चरित्र का सीधा संबंध हमारे ह्रदय से निकले उन विचारो से है जो कल्याण की खोज करते है।
८. नारी के गुण पुरुष में तब आते है, जब वह महात्मा बन जाता है। नारी में पुरुष के गुण आ जाते है, तो कुल्टा हो जाती है।
९. अधिकांश पुरुष नारियों में वह खोजते है, जिसका स्वयं उनके चरित्र में अभाव होता है।
१०. चरित्र की शिक्षाएं विद्वान और श्रेष्ठ कर्म करने वालो से प्राप्त करे, खोटे स्वभाव के व्यक्ति को निकट न आने दे।
११. मुस्कान” और “मदद” ये दोनों ऐसे इत्र हैं।
जिन्हें जितना अधिक दूसरों पर छिड़केंगे
उतना ही अधिक सुगंध आपके अन्दर आयेगी ।।
१२. Character निर्माण सम्पूर्ण जीवन का आभास है. यह श्रेष्ठ आध्यात्मिक तत्वों की मांग करता हैं. विश्वास, साहस, उदारता, विनम्रता, ईमानदारी, कुलीनता और त्याग भावना।।
१३. एक विशेषता व्यक्ति को दिया गया शीर्षक इसके योग्य साबित होगा।
१४. शिक्षा का उद्देश्य चरित्र निर्माण हैं।।
१५. स्वयं पर नियंत्रण न रखना चरित्रहीनता की निशानी हैं।।
१६. उस सुंदर चेहरे का कोई मूल्य नहीं है जिसकी नियत खराब हो।।
१७. एक चरित्रवान व्यक्ति को पसंद किये जाने के लिए अन्य काबिलियत का होना जरुरी नहीं हैं।।
१८. अपने स्वाभिमान को आत्मा की तरह शरीर के भीतर रखता है वहीँ व्यक्ति महान चरित्र का धनी होता हैं।।
१९. आप श्रेष्ठ हो या हीन, पराक्रमी हो या कायर, पवित्र हो अपवित्र यह आपके चरित्र से मालूम पड़ जाएगा।।
२०. अगर आपके चरित्र का निर्माण हो गया है तो बाकी अपनेआप हो जाएगा। – स्वामी विवेकानन्द
२१. आचरण अच्छा हो तो मन में,
अच्छे विचार ही आते हैं।।
२२. चरित्र वृक्ष है और प्रतिष्ठा उसकी छाया।।
२३. आत्मसम्मान का नींव, चरित्र होता है।।
२४. एक चरित्रवान इन्सान,
कभी भी अपने पद और अपने शक्ति का,
भरपूर फायदा नहीं उठा सकता है।।
२५. औरत के चरित्र का पता भगवान नहीं लगा सकता है।
फिर तो इन्सान तो भगवान के हाथो की कठपुतली है।।
२६. ज़मीन के चक्कर में जो ज़मीर बेच देते है वो अमीर नहीं गरीब हैं…।।
२७. धन को हंमेशा, जेब में रखना चाहिए दिमाग में नहीं…।।
२८. चरित्र उस वाइट पेपर की भांति है जिस पर धब्बा लगने पर उन्हें मिटाना कठिन हैं…।।
२९. यदि आपका #चरित्र सही है तो, गया हुआ धन फिर से कमाया जा सकता है।।
३०. वह व्यक्ति जो आलस करता है वह कभी श्रेष्ठ चरित्र का निर्माण नहीं कर सकता।।
३१. यदि कोई तुम्हे नजर अंदाज कर दे तो बुरा मत मानना, क्यूंकि लोग अक्सर अपनी हैसियत से बाहर महेंगी चीज को नजरअंदाज कर देते है !!
३२. रोटी कमाना कोइ बड़ी बात नहीं है, लेकिन परिवार के साथ रोटी खाना बड़ी बात है ।।
३३. इन्सान मकान बदलता है वस्त्र बदलता है, संबंध बदलता है फिर भी दुखी रहता है, क्यूंकि वह अपना स्वभाव नहीं बदलता ।।
३४. पूरी दुनिया जीतकर भी यदि माता-पिता का दिल नहीं जीता, तो वह जीत भी हार के समान है ।।
३५. जिन्दगी में जब कुछ ऐसा हो की आपको भय लगे तो डरिये मत, यही तो वो मौका है जब जिन्दगी आपको जीताकर साहसी बनाना चाहती है !!
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